Friday, October 19, 2018

Good story


क्या आप चेंज से निपटने का कोई इफेक्टिव तरीका जानते है? अगर अचानक आपकी जॉब छूट जाए तो आप क्या करोगे? अगर आपके बिजनेस में अचानक से कोई प्रॉब्लम आ जाये तो कैसे मैनेज करोगे ? लाइफ में कुछ भी परमानेंट नहीं है. लाइफ में चेंज हमेशा आयेंगे. फर्क सिर्फ इतना है कि आप उन चेंजेस या चेलेंजेस को कैसे फेस करते हो….. to  व्हू मूव्ड माई चीज़ की स्टोरी 4 लोगो के बारे में है. जिनमे से एक आपको लाइफ में आने वाले चेंजेस से निपटने का बेस्ट तरीका बताएगा. …
हमारी स्टोरी के ये केरेक्टर्स एक मेज़ यानी भूल भुलैय्या में रहते है जिसमे कई सारे रूम्स और कॉरिडोर्स है. चीज़ हमारी लाइफ के डिजायर्स को रीप्रेजेंट करती है फिर चाहे वो कोई स्टेबल जॉब हो या एक सक्सेसफुल बिजनेस या फिर एक लविंग फेमिली या गुड हेल्थ और पीस ऑफ़ माइंड. किसी दिन अगर ये चीज़ आपसे छीन ली जाए तो क्या होगा? तब आप क्या करोगे? आप स्टोरी के इन चारो केरेक्टर्स के थ्रू खुद को देख सकते हो. कभी-कभी चेंज एक्स्पेट करना काफी हार्ड होता है. कई बार आप फ्यूचर के बारे में सोचकर इतने डिप्रेस्ड और होपलेस हो जाते हो कि कुछ समझ नहीं आता. जैसे-जैसे आप इस स्टोरी के केरेक्टर की एडवेंचर भरी स्टोरी फोलो करते जायेंगे, आपको कुछ वैल्यूएबल लेसंस सिखने को मिलेंगे जो आप अपनी लाइफ में अप्लाई कर सकते है.

व्हू मूव्ड माई चीज़( Who Moved My Cheese?

काफी पहले की बात है, ek jagah par में 4 केरेक्टर एक मेज़-bhul bhaliiya ke  के अंदर रहते थे. उनमे से दो तो चूहे थे और उनके नाम थे स्निफ और स्करी (Scurry). बाकी के दो इंसान थे लेकिन चूहे जितने ही साइज़ के और उनके नाम थे हेम और हाव् (Hem and Haw).
DONO CHUHE सारा दिन चीज़ ko dhundte rehte, जैसा कि सारे चूहे करते है. जबकि हेम और हाव् का इंसानों जैसा ही थोडा ज्यादा काम्प्लेक्स ब्रेन था. उनके अंदर इमोशंस थे और अपने बिलिफ्स भी. चीज़ उनके लिए भी उतनी ही important थी जितनी कि चूहों के लिए. क्योंकि चीज़ देखकर उन्हें भी उतनी ही ख़ुशी मिलती थी.

हर सुबह चूहे और छोटे इंसान अपने रनिंग शूज़ पहन के रेडी हो जाते थे. वो चारो अपने छोटे होल्स से निकलते और चीज़ की तलाश में पूरी भूल-भुलैय्या का चक्कर काटते. मेज़ ट्विस्ट और टर्न से भरी थी जिसमे ना जाने कितने दरवाजे और चैम्बर्स थे. कुछ चैबेर्स के अंदर चीज़ थी और कुछ एकदम डार्क और एम्प्टी थे जहाँ कोई भी अपना रास्ता भटक सकता था. इस भूल-भुलैय्या के अंदर कई सारे ऐसे सीक्रेट्स थे जो अगर किसी को मिल जाए तो उसकी लाइफ खुशियों से भर सकती थी. स्निफ और स्करी अपनी सर्च के दौरान ट्रायल और एरर यूज़ करते थे. वो किसी कॉरिडोर में घुसते, अगर ये एम्प्टी होता तो वापस लौट आते और आगे बढ़ जाते. वो नोटिस करते कि कौन सा कॉरिडोर एम्प्टी है और नए की तलाश में जुट जाते. लेकिन हेम और हाव् कॉम्प्लेक्स ब्रेन वाले थे इसलिए चीजों को देखने का उनका नजरिया भी कॉम्प्लेक्स था. अक्सर उनके इमोशंस और बीलीफ्स उन पर हावी हो जाते थे. और इसलिए उनकी तलाश भी ज्यादा चेलेंजिंग और कॉम्प्लीकेटेड होती थी. लेकिन चीज़ स्टेशन तक पहुँचने के उन चारो के ही अपने-अपने तरीके थे. ये वो जगह थी जहाँ चीज़ के ढेर के ढेर लगे रहते थे. चीज़ के इस खजाने को ढूढने के बाद स्निफ, स्करी, हेम और हाव् अपने-अपने रूटीन के हिसाब लाइफ जी रहे थे. स्निफ और स्करी सुबह जल्दी उठते थे. वो अपने रनिंग शूज़ पहनकर स्टेशन सी तक दौड़ लगाते. वहां पहुंचकर दोनों अपने शूज़ उतारकर अपनी गर्दन में टांग में लेते ताकि जल्दी से दुबारा पहन सके. उसके बाद स्निफ और स्करी चीज़ जी भर के खाते. हेम और हाव इस मामले में थोड़े डिफरेंट थे. दोनों सुबह लेट उठते और स्लो वाक् करते हुए स्टेशन सी तक जाते. उन्हें कोई जल्दी नहीं थी क्योंकि उन्हें पता था कि वहां उनको हमेशा चीज़ का खज़ाना मिलेगा. स्टेशन सी पहुंचकर दोनों थोडा रेस्ट करते, थोडा रिलेक्स होते. अपने शूज़ उतारकर दोनों स्लीपर्स पहन लेते थे. आफ्टर आल इतना बड़ा चीज़ का खजाना जो उनके लिए मौजूद था तो फिर जल्दी किस बात की.

“कितने कमाल की बात है, ये चीज़ तो जिंदगी भर चलेगी”  हेम ने कहा. वो दोनों छोटे इंसान खुद में मस्त रहते. वो दोनों खुश थे, सक्सेसफुल थे. उस चीज़ के खजाने के साथ दोनों सिक्योर फील करते थे. हेम और हाव ने स्टेशन सी के पास ही अपनी दुनिया बसा ली थी. दोनों ने वही पर कुछ नए होल्स ढूढ़ लिए ताकि वो चीज़ के हमेशा पास रह सके. उन्हें पूरा यकीन था कि स्टेशन सी सिर्फ उनका है. उन्होंने वहां की वाल्स पर लिखा था” हेविंग चीज़ मेक्स यूं हैप्पी”. हर रोज़ दोनों ये लाइंस पढ़ते और खुश होते. “ये चीज़ हमारी है, हम इसे डीज़र्व करते है, हमने इसे ढूढने में कड़ी मेहनत की है”  हेम कहता और चीज़ का एक बड़ा सा टुकड़ा उठाकर ख़ुशी-ख़ुशी मुंह में भर लेता. चीज़ खाकर जब उसका पेट भर जाता तो उसे नींद आ जाती थी. और एंड ऑफ़ द डे लिटल पीपल यानी हेम और हाव पेट भर चीज़ खाने के बाद वापस अपने होल्स में लौट आते. फिर पूरे कांफिडेंस के साथ नेक्स्ट डे उठते और यही रूटीन फोलो करते. उन्हें पता था कि उनके लिए अभी भी ढेर सारी चीज़ मौजूद है. जैसे-जैसे दिन गुज़र रहे थे हेम और हाव और ज्यादा एरोगेंट होते जा रहे थे. वही स्निफ और स्करी रोज़ सुबह जल्दी उठते. वो दोनों स्निफ -sunghte hue करते हुए स्टेशन सी तक जाते. दोनों हमेशा चेक करते थे कि वहां क्या-क्या चेंज आया है. फिर दोनों आराम से बैठकर चीज़ खाने लगते. एक दिन सुबह जव दोनों चूहे स्टेशन सी पहुंचे तो देखा कि सारी चीज़ खत्म हो चुकी है. दोनों ज़रा भी हैरान नहीं हुए क्योंकि वो काफी दिनों से नोटिस कर रहे थे कि चीज़ का ढेर धीरे-धीरे छोटा हो रहा है. इनफैक्ट दोनों इस सिचुएशन के लिए पहले से ही रेडी थे. स्निफ और स्करी ने अपने रनिंग शूज़ वापस पहन लिए, उन्हें समझने में देर नहीं लगी कि क्या हुआ होगा. चूहों के लिए ये प्रॉब्लम जितनी सिम्पल थी उतना ही इसका आंसर भी. स्टेशन सी चेंज्ड हो चूका था और अब उन्हें भी उसी हिसाब से चेंज होना था. दोनों चूहे मेज़ के अंदर दूसरी जगह चीज़ ढूढने निकल पड़े. स्निफ sniffing yaani sunghta रहा और स्करी idhar udhar chakkar kaat ta रहा. कुछ घंटे बाद हेम और हाव भी स्टेशन सी के अंदर पहुंचे. हालाँकि उन दोनों ने कभी भी स्निफ और स्करी नोटिस नहीं किया था कि चीज़ का ढेर छोटा हो रहा है. इसलिए चीज़ ना मिलने पर दोनों शोक्ड थे. 

“ये क्या? यहाँ तो ज़रा भी चीज़ नहीं है” हेम चिल्लाकर बोला. "चीज़ नहीं है, चीज़ नहीं है? किसने मेरा चीज़ लिया? हेम लगातार चिल्ला रहा था जैसे कि इस तरह चिल्लाने से उसे अपना चीज़ वापस मिल जाता. गुस्से से उसका फेस रेड हो रहा था. उसकी मुट्टी बंध गयी थी और वो गला फाडकर चिल्लाये जा रहा था”दिस इज नोट फेयर!”. हाव चुपचाप खड़ा घूर रहा था. उसे बिलीव नहीं हो रहा था कि इतना सारा चीज़ रातो-रात गायब हो गया. उसे बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी कि एक दिन ऐसा होगा. वो इस सिचुएशन के लिए ज़रा भी तैयार नहीं था. हेम जोर-जोर से चिल्ला रहा था लेकिन हाव को तो जैसे कुछ सुनाई ही नहीं दे रहा था. उन छोटे इंसानों का रीएक्शन एकदम नार्मल था क्योंकि उनके लिए चीज़ का खज़ाना ओवर हो चूका था. और चीज़ उनके लिए सिर्फ फ़ूड नहीं था बल्कि सिक्योरिटी और हैप्पीनेस था. उनके लिए चीज़ का मतलब था चेडर लेन में एक दिन खुद का कॉटेज, एक लविंग फेमिली और सिम्पल सी लाइफ. और हेम के लिए चीज़ का मतलब था उसका ड्रीम था कि एक दिन वो बिग चीज़ मैनेज करे और कैमेम्बर्ट हिल (Camembert Hill) में उसका एक बड़ा सा घर हो.
छोटे इंसानों के लिए चीज़ बड़ी इम्पोर्टेंट थी. दोनों बड़ी देर तक सोचते रहे कि अब क्या किया जाए. लेकीन दोनों ने किया कुछ भी नहीं बल्कि वही स्टेशन सी पर घुमते रहे. उन्हें अभी भी यही लग रहा था कि शायद कहीं से चीज़ उन्हें वापस मिल जाएगी. वही स्निफ़ और स्करी चीज़ ढूढने में लगे रहे. जबकि हेम और हाव गुस्से में बस पैर पटक रहे थे. उनके माइंड में सिर्फ यही घूम रहा था” क्यों, इट्स नोट फेयर, ऐसा नहीं हो सकता” इसके अलावा वो कुछ सोच ही नहीं पा रहे थे. जल्दी ही हाव डिप्रेशन में चला गया. एक के बाद कई सवाल उसे परेशान करने लगे, चीज़ के बिना उनका क्या होगा? अब वो क्या खायेंगे? पूरा दिन ऐसे ही गुज़र गया. हेम और हाव वापस अपने होल्स में लौट आये, भूखे और टायर्ड. उन्होंने वाल्स पे लिखा” द मोर इम्पोर्टेंट योर चीज़ इज टू यू, द मोर यू वांट टू होल्ड ओन इट”(aapke liye cheez jitna important hai aap utni hi mehnat karoge use paane ki). नेक्स्ट मोर्निंग छोटे लोग दुबारा स्टेशन सी में गए. वो एक्स्पेक्ट कर रहे थे कि शायद कहीं से थोड़ी चीज़ मिल जाये. लेकिन स्टेशन सी में अब कुछ नहीं बचा था. तभी हाव को स्निफ aur स्करी का ख्याल आया. शायद उन्हें कुछ मालूम हो. “ लेकिन उन्हें क्या पता होगा?” हेम बोला” हम उन चूहों से ज्यादा स्मार्ट है”

“मुझे पता है हम उनसे स्मार्ट है, लेकिन अभी हम बिलकुल भी स्मार्ट बिहेव नहीं कर रहे” हाव ने जवाब दिया. “चीज़े बदल रही है हेम, और हमको भी चेंज होना पड़ेगा ”“हम भला क्यों चेंज होंगे ? हेम बोला. उसे लगता था कि लिटल पीपल स्पेशल है और चीज़ पर सिर्फ उनका हक है. “ ये प्रोब्लम हमने क्रियेट नहीं की, किसी और ने की है. हमे इस बारे में कुछ करना होगा. उसने कहा.

हाव सोच रहा था कि उन्हें प्रोब्लम को ओवरएनालाइजिंग करने के बजाये कुछ एक्शन लेना चाहिए. लेकिन हेम को गुस्सा आ रहा था” नो, मै इस प्रोब्लम की जड़ तक जाऊँगा” उसने कहा. जब हेम और हाव स्टेशन सी में घूम रहे थे, स्निफ और स्करी भूल-भुलैय्या के काफी अंदर तक होकर आ गए थे. उन्हें एक ऐसी जगह मिली जो उन्होंने फर्स्ट टाइम देखी थी. ये स्टेशन एन था. चूहे ख़ुशी से झूम उठे. स्टेशन एन चीज़ से भरा हुआ था. दोनों ने आज से पहले इतना सारा चीज़ कभी नहीं देखा था.
वही स्टेशन सी में हेम और हाव अभी भी काफी एंग्री फ्रस्ट्रेटेड फील कर रहे थे. हाव को रह-रहकर चूहों की याद आ रही थी. उसने सोचा कि उन्हें भी कुछ करना चाहिए. हाव मन ही मन खुद के भूल-भुलैय्या के अंदर कोई नयू एडवेंचर करते हुए और चीज़ खाते हुए देखने लगा. चीज़ के बारे में सोच-सोच कर हाव मोटीवेट हो रहा था.

“चलो, चलते है” हाव जोर से बोला.

“नो,, मुझे यही रहना है” हेम बोला. उसे स्टेशन सी की आदत पड़ चुकी थी, वहां से बाहर जाने में उसे डर लगता था. लेकिन हाव् उसे मोटीवेट करता रहा. आफ्टर आल पहले भी तो उन्होंने भूल-भुलैय्या के चक्कर काटे है तो दुबारा क्यों नहीं काट सकते. लेकिन हेम को मनाना मुश्किल था. उसने बोला, वो बहुत ओल्ड हो चूका है इसलिए बाहर जाकर अपनी इन्सल्ट नहीं करवाना चाहता. वो जैसे पहले था अब भी वैसा ही रहना चाहता था. फुल ऑफ़ वरीज, फ्रस्ट्रेशन और एक्सक्यूजेस. लेकिन हाव कुछ और सोच रहा था. अगर वो इस स्टेशन से बाहर नहीं निकले तो उनकी कंडिशन और खराब होती जाएगी. “ज़रा सोचो इस बारे में, हाव बोला’ अगर हम सेम चीज़ रीपीट करते रहेंगे तो कभी भी इम्प्रूव नहीं कर पाएंगे”

“तुम यहाँ बैठकर वेट क्यों नहीं कर लेते? शायद तक तक चीज़ वापस आ जाए” हेम बोला. उसे बाहर जाकर एक्सप्लोर करने से बड़ा डर लगता था. लेकिन हाव समझ चूका था कि अब स्टेशन सी में चीज़ कभी भी वापस नहीं आने वाली. उन्हें चीज़ का कोई नया सोर्स ढूढना होगा. हेम ने उसे डराया कि तुम्हे बाहर चीज़ मिले ना मिले लेकिन अगर तुम रास्ता भटक गए तो कभी वापस नहीं आ पाओगे”. वैसे इस बात की कोई गारंटी नहीं थी कि बाहर सब सेफ होगा, और ये बात हाव भी फील कर रहा था. लेकिन ये कितना एडवेंचरस और एक्साईटिंग होगा, उसे मेज़ के अंदर जाना अच्छा लगता था. अगर वो खो भी गया तो क्या पता वापस लौट आये. वो तो एक नयी, फ्रेश और डिलीसियस चीज़ का सपना देख रहा था जो उसने पहले कभी नहीं खाई हो. क्या पता उसे मोज्ज़रेल्ला, चेडर और पर्मेसन चीज़ मिल जाए. इन सबके बारे में सोचकर ही उसके मुंह में पानी आने लगा. "कभी-कभी चीजे बदलती है और फिर कभी पहले जैसी नहीं रहती, और ये ऐसा ही टाइम लग रहा है. यही लाइफ है और लाइफ आगे बढती रहती है इसलिए हमे भी आगे बढना होगा” उसने हेम से कहा. उसने अपने फ्रेंड को मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन हेम कुछ भी सुनने को रेडी नहीं था. और इस तरह हाव अपने रास्ते चला गया. वो खुद को और अलाइव फील कर रहा था. हालाँकि उसकी सिचुएशन थोड़ी अजीब थी फिर भी वो अपने डिसीजन पर डटा रहा, वो खुद पर हंस रहा था. एक स्माइल के साथ हाव ने अनाउंस किया”इट्स मेज़ टाइम! जाने से पहले हाव ने एक स्टोन उठाया और वाल्स पे लिखा” इफ यू डू नोट चेंज, यू विल बिकम एक्सटिंक्ट”(yaani agar aap khud me badlaav nhi laoge to aap khatam ho jaoge) हाव को अपने डिप्रेशन भरे दिन याद आये. वो इस सिचुएशन में कैसे पहुँच गया? व्हू मूव्ड माई चीज़ पूछने के बजाये हाव ने खुद से पुछा” व्हाई डीड नोट आई गेट अप एंड मूव विथ द चीज़ सूनर?” (kyu mein jaldi uth kar cheese ke saath nhi gaya?)हाव ने एक डीप ब्रीथ ली और स्लोली वहां से निकल आया. उसे अपने घुटनों में वीकनेस फील हो रही थी. वो हैरान था कि वो इतने टाइम तक स्टेशन सी पर कैसे अटका रहा. उसे दुबारा मेज़ के अंदर जाने में मुश्किल हो रही थी, और इसीलिए उसने खुद से कहा” नेक्स्ट टाइम जब चीज़ फिनिश होगी तो मै अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकल के अपने लिए न्यू चीज़ का इंतजाम करूँगा.

हाव को अब अपनी लाइफ में चेंज फील हो रहा था. उसने स्माइल करते हुए खुद से कहा” चलो, देर आये दुरुस्त आये”. अगले कुछ दिनों में हाव को इधर-उधर थोडा बहुत चीज़ मिला. कई बार वो भूल-भुलैय्या में कंफ्यूज़ भी Zहो जाता था लेकिन उसने गिव अप नहीं किया. हाव के लिए अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आकर चीज़ ढूढना किसी चैलेंज से कम नहीं था लेकिन उसे लगता था कि ये इतना भी बुरा नहीं है. जब भी उसे प्रोब्लम होती हाव खुद को रीमाइंड कराता कि ये सिचुएशन कम्प्लीटली चीज़लेस सिचुएशन से तो बैटर है.... चीज़ के वापस आने का वेट करने से अच्छा था कि चीज़ ढूढी जाये. इस मोमेंट पे आकर हाव को लगने लगा था कि अब उसका अपनी लाइफ में कण्ट्रोल है, अब वो अपने साथ कुछ भी ऐसा-वैसा नहीं होंगे देगा. अगर स्निफ और स्करी कर सकते है तो वो क्यों नहीं! हाव को अब ये भी लग रहा था कि स्टेशन सी की चीज़ ओवरनाईट गायब नहीं हो सकती है, ज़रूर उसने ही इस बात पर ध्यान नहीं दिया होगा. चीज़ का ढेर रोज़ कम हो रहा था और उसने कभी नोटिस ही नहीं किया. और चीज़ का टेस्ट भी चेंज लग रहा था इसक मतलब कि चीज़ सड़ रही थी. हाव इन चेंजेस को देख सकता था लेकिन उसने इग्नोर कर दिया था. अगर उसने इग्नोर नहीं किया होते तो वो इस सिचुएशन के लिए पहले से रेडी रहता. और वो इतना शोक्ड भी नहीं होता. उसने डिसाइड कर लिया था कि अब से वो अलर्ट रहेगा. आज के बाद वो चेंज के लिए रेडी रहेगा और अपने बेसिक इंस्टिंक्ट यूज़ करके किसी भी चेंजिंग सिचुएशन को क्विकली एडाप्ट कर लेगा.

हाव रेस्ट करने के लिए कुछ देर रुका और वाल्स पर लिखा” स्मेल द चीज़ ओफ्न सो यू नो व्हेन इट्स गेटिंग ओल्ड”(cheeze ko baar baar sunghte raho taaki pata chal jaaye kivo purana kab ho raha hai). फिर वो मेज़ के अंदर गया और चलता रहा, उसे चीज़ का एक बड़ा स्टेशन मिला जो स्टेशन सी के जितने ही बड़ा था. बाहर से ये काफी अच्छा लग रहा था और शायद अंदर चीज़ भी काफी थी लेकिन जब उसने अंदर जाके देखा तो उसे वहां कुछ भी नहीं मिला. हाव को बड़ी डिसअपोइन्ट हुई उसे लगा शायद उसे स्टेशन सी पर वापस जाना चाहिए. कम से कम वहां हेम तो था उसे कंपनी देने के लिए. इस पॉइंट पे आके उसकी हिम्मत अब टूट रही थी, उसे लगा कहीं वो गिव अप ना कर दे. अब क्या होगा? कहीं वो गिर तो नहीं जाएगा या अपना रास्ता तो नहीं भूल जायेगा. शायद उसे अब कभी चीज़ ना मिल सके. हाव के माइंड में नेगेटिव बाते घूम रही थी. लेकिन फिर उसने खुद से एक सवाल किया” अगर तुम डरे नहीं होते तो क्या करते? उसे रियेलाइज हुआ कि उसका ये डर ही है जो मैटर को और वर्स्ट बना रहा है. वो अब हार नहीं मान सकता, उसे ये जर्नी हर हाल में कंटीन्यू करनी होगी.

हाव ने वाल पर लिखा” मूवमेंट इन अ न्यू डायरेक्शन हेल्प्स यू फाइंड न्यू चीज़”(nayi direction me jaane se hi naya cheese milta hai).
हाव जोर से हंसा, उसका डर दूर हो चूका था. अब जो होगा देखा जायेगा, अब चाहे जो भी प्रोब्लम आये उसे फेस करनी होगी. हाव को अब ये जर्नी एक्साइटिंग लग रही थी “ मुझे इतना अच्छा क्यों फील हो रहा है? मेरे पास चीज़ नहीं है और मुझे तो ये भी नहीं मालूम कि मै जा कहाँ रहा हूँ?” तब उसे रियेलाइज हुआ कि ऐसा क्यों हो रहा है. उसने फिर से वाल पे लिखा” व्हेन यू स्टॉप बीइंग अफ्रेड, यू फील गुड(jab tum darte nhi ho tabhi tumhe acha lagta hai). वो बेकार में डर रहा था, लेकिन अब जब वो एक नए रास्ते पर बढ़ रहा है तो सब कुछ कितना अच्छा लग रहा है. अपने फ्यूचर को लेकर उसमें एक नयी होप थी, वो कितना खुश और एक्साइटेड फील कर रहा था.
एक बार फिर से वो अपनी फेंटेसी यानी चीज़ के सपनो में खो गया था. उसके ख्यालो में उसकी फेवरेट 5 टाइप की चीज़ घूम रही थी.

जितना ज्यादा वो सोचता जा रहा था उतना रियल उसे फील हो रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे वो सच में चीज़ खा रहा हो. उसने फिर से वाल पे लिखा” इमेजिनिंग योर सेल्फ एन्जोयिंग न्यू चीज़ लीड्स यू टू इट”(jab tum sochoge ki tum naya cheese kha rahe ho to tum naye cheese tak phunch jaoge). हाव पहले पेसिमिस्टिक था लेकिन अब वो ऑप्टीमिस्टिक बन चूका था. उसे लगा वो तो बेकार में ही चेंज से डरता रहा जबकि लाइफ को बैटर बनाने के लिए चेंज बहुत इम्पोर्टेंट है. “मुझे ये आईडिया पहले क्यों नहीं आया ?” हाव खुद से बोला. फिर वो दौड़ कर मेज़ के अंदर घुस गया. वो स्ट्रोंग और मोटीवेटेड फील कर रहा था. भागते-भागते उसे एक चीज़ स्टेशन नज़र आया जिसके दरवाजे पर चीज़ के कुछ टुकड़े पड़े थे. ये एक न्यू टाइप की चीज़ थी जो हाव ने पहले कभी नहीं देखी थी. उसने एक टुकड़ा उठा कर मुंह में डाला, काफी टेस्टी था, उसने थोड़ी और चीज़ खाई और थोड़ी अपने पॉकेट में भर ली. फिर उसने स्टेशन का डोर ओपन किया. वो बड़ा एक्साइटेड था लेकिन ये क्या? या चीज़ स्टेशन भी एकदम खाली पड़ा था. शायद किसी और ने सारी चीज़ आलरेडी चुरा ली थी. अब उसे यहाँ से जल्दी निकलना था शायद कहीं पर थोड़ी और चीज़ मिल जाये. हाव ने चीज़ के टुकड़े उठा लिए. वो हेम के पास जाने की सोच रहा था, क्या पता उसका माइंड चेंज हो गया हो. वो स्टेशन सी की तरफ चल पड़ा. लेकिन जाने से पहले उसने वाल पर लिखा” “द क्वीकर यू लेट गो ऑफ़ ओल्ड चीज़, द सूनर यू फाइंड न्यू चीज़”(jitni jaldi tum puraane cheese ko jaane doge utni hi jaldi tumhe naya cheese milega).

हाव स्टेशन सी पहुंचा जहाँ पर हेम था. उसने अपनी पॉकेट से चीज़ निकाल कर हेम को ऑफर किया. हेम को अच्छा तो लगा लेकिन उसने चीज़ लेने से मना कर दिया. हेम बोला” मुझे नयी चीज़ पसंद नहीं है, मै ये वाली चीज़ नहीं खाता था, मुझे वही ओल्ड चीज़ चाहिए और जब तक मुझे मिल नहीं जाती, मै नयी वाली भी ट्राई नहीं करूँगा”. हेम की बात सुनकर हाव को बड़ी डिसअपोइन्टमेंट हुई, वो चुपचाप वहां से चला गया. हाव फिर से उसी एम्प्टी चीज़ स्टेशन में पहुंच गया. वो अपने फ्रेंड को बड़ा मिस कर रहा था लेकिन वो अपना एडवेंचर भी नहीं छोड़ना चाहता था. डर से छुटकारा पाके उसे जो ख़ुशी आज मिली थी पहले कभी नहीं मिली. आज का हाव चीज़ स्टेशन सी वाले हाव से एकदम डिफरेंट था. और उसे पूरा यकीन था कि एक दिन उसे न्यू चीज़ ज़रूर मिलेगी. उसने वाल पे लिखा” इट इज़ सेफर टू सर्च इन द मेज़ देन टू रिमेन इन अ चीज़लेस सिचुएशन (bina cheese ke rehne se acha hai ki ham naye heese ko dhundte rahe)”. हाव समझ चूका था कि चेंज को अवॉयड नहीं कर सकते चाहे आप माने या ना माने. उसे अपने ओल्ड डेज़ याद आये जब वो डरा हुआ और होपलेस फील करता था. जब उसे यही लगता था कि उसके साथ सब बुरा ही बुरा होगा. लेकिन अब हाव एडाप्ट करना सीख चूका था. और इसीलिए उसने वाल पे लिखा” ओल्ड बिलिफ्स डू नोट लीड यू टू न्यू चीज़(puraane beliefs se naya cheese nhi mil sakta)”. जिस टाइम से उसने अपने बिलिफ्स चेंज किये थे, उसका बिहेवियर भी चेंज हो गया था. ये आपके उपर है, आप चाहे तो चेंज से डरकर भागो या ऑप्टीमिस्टिक बनकर चेंज को फेस करो.

आप खुद को कण्ट्रोल में रख सकते हो क्योंकि आपके साथ वही होगा जो आप होंने देंगे. आप अपने बिलिफ्स खुद चूज़ कर सकते है. हाव ने वाल पे कुछ और नोट्स लिखे
“व्हेयर यू सी देट यू केन फाइंड एंड एन्जॉय न्यू चीज़, यू केन चेंज कोर्स”(Jab tumhe pata chalta hai kit um naya cheese dhund sakte ho to, tum apni life improve kar sakte ho)

 “Noticing स्माल चेंजेस अर्ली हेल्प्स यू एडाप्ट टू द बिगर चेंजेस देट आर टू कम”(agar ham jaldi chotte changes ka pata laga de to ham bade changes ko aasani se adapt kar sakte hai) 


हाव ने अपना पास्ट पीछे छोड़ दिया था, अब उसका फोकस सिर्फ प्रेजेंट पर था. हाव ने बिग स्टेप्स लिए, और पहले से ज्यादा स्ट्रोंग फील किया. उसे लगा शायद उसकी ये जर्नी कभी ओवर नहीं होगी, शायद वो पूरी लाइफ चलता है रहेगा. लेकिन ऐसा नहीं था, जल्दी ही उसकी तलाश पूरी हुई. हाव एक कॉरिडोर से गुज़रा जो उसने पहले कभी नहीं देखा था. वो कॉरिडोर के अंदर गया और वहां उसे एक नया चीज़ स्टेशन एन दिखा. उसने अंदर जाके देखा तो हैरान रह गया. स्टेशन एन चीज़ से भरा हुआ था. इतना चीज़ कि ओवरफ्लो कर रहा था. ये तो उसके ड्रीम से भी ज्यादा चीज़ थी. यहाँ हर टाइप की चीज़ थी. ब्राईट और टेस्टी, तभी उसे अपने चूहे फ्रेंड्स भी दिखाई दिए, स्निफ और स्करी. स्निफ ने उसे देखकर सर हिलाया और स्करी ने उसे वेव किया. उसने दोनों को हेलो बोला और खुद भी उनके साथ चीज़ खाने बैठ गया. हाव चीज़ के सबसे ऊँचे ढेर पर चढ़ गया, उसे जितनी टाइप की चीज़ दिखी, उसने सबको टेस्ट करके देखा. उसने अपने शूज़ उतारे और गले में बाँध लिए. हाव एक्साईटेड होकर यहाँ-वहां भाग रहा था. वो ख़ुशी से चिल्ला रहा था” हूररा, फॉर चेंज” (Hooray for change!”) स्निफ और स्करी उसे देख के खुश थे. हाव ने चीज़ का एक बड़ा सा पीस लेकर टोस्ट किया” हूर्रे, हुर्रे, हुर्रे!

हाव को रियेलाइज हुआ कि चेंज लाने का फास्टेस्ट तरीका यही है कि खुद की मिस्टेक् पर हंसा जाए. उसने अपने ओल्ड मेथड्स चेज किये और देखो उसे चीज़ मिला. उसने स्निफ और स्करी से भी काफी कुछ लर्न किया. एक चूहे की लाइफ काफी सिम्पल होती है. वो चीजों को इंसानों की तरह कॉम्प्लीकेट नहीं करते. जब उन्हें लगता है कि चीज़ ओवर हो गयी है तो वो तुरंत एक्ट करते है. चीज़ मूव होते ही वो भी मूव हो जाते है. और हाव ये बात हमेशा याद रखेगा. हाव को हेम का ख्याल आया. उसने सोचा क्यों ना मै जाकर हेम को थोड़ी हेल्प कर दूँ लेकिन फिर उसे याद आया कि वो आलरेडी ट्राई कर चूका है. अब हेम को भी अपना रास्ता खुद बनाना होगा, उसे अपने डर से खुद लड़ना होगा. उसे जो भी करना है खुद करना होगा क्योंकि कोई और उसकी हेल्प नहीं कर सकता. जब तब वो ना चाहे कोई और उसे चेंज नहीं कर सकता. काश हेम स्टेशन सी से बाहर आता और हाव की हैण्डराइटिंग वाल्स पे देख पाता, हाव को वो सारे नोट्स याद आ गए और एक समरी बनाई जो उसने स्टेशन एन के लार्जेस्ट वाल पे लिख दी .
 

हाव ने थोड़ी सी और चीज़ खाई, तभी उसे कुछ फुट स्टेप्स सुनाई दिए. शायद ये हेम था! शायद अब चारो फ्रेंड्स मिलके फाइनली “मूव विथ द चीज़ एंड एन्जॉय इट”. Move with the Cheese and Enjoy it!”(cheese ke saath saath chalo aur uske maze lo)

कनक्ल्यूजन Conclusion

चेंज लाइफ का एक इम्पोर्टेंट पार्ट है. आपने चेंज एडाप्ट करने के इफेक्टिव तरीको को समझा. चीज़ हमेशा मूव होती रहेगी लेकिन उसके साथ आपको भी मूव होना पड़ेगा. कभी-कभी आप हेम की तरह फील कर सकते हो जो चेंज से डरता है. शायद आप चेंज से इसलिए डरते है कि आप को खोने का डर है या आप किसी चीज को बहुत वैल्यू देते है. शायद इसलिए आप फ्रस्ट्रेट और एंग्री फील करते है. शायद आप डरते है कि आगे क्या होगा. लेकिन कुछ नेगेटिव सोचने के बजाये कुछ पोजिटिव सोचे. नेगेटिव थौट्स आपको नेगेटिव एक्शन लेने पर मजबूर करेंगे. इसलिए हाव की तरह बनिए.अपने डर को छोड़ दे और चेंज को एक्सेप्ट करे. इस तरह आप आगे बढकर अपने लिए न्यू चीज़ ढूंढ सकते है. क्योंकि न्यू चीज़ तो हमेशा मिलेगी, अब ये आपके ऊपर है कि आप इसे ढूंढें और इसका टेस्ट एन्जॉय करे.

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